फिर उत्साहित, यह अंत नहीं क्षितिज है!!!!
मैं किन्कर्तव्यविमुध, थक कर चूर
मैं जितना समीप पहुँचता, लक्ष्य उतना ही दूर
यह लक्ष्य नहीं क्षितिज है......
पर थमना नहीं, रुकना नहीं, थकना नहीं
चलते रहना, लड़ते रहना
जीवन का ध्येय है, बढ़ते रहना
हिम्मत कर सहसा यह मन कहता
यह अंत नहीं क्षितिज है यह अंत नहीं क्षितिज है ......
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